टाटा-ट्रस्ट की कमान किसके हाथ, आज हो सकता है फैसला
मुंबई। रतन टाटा के निधन के बाद ग्रुप के सबसे बड़े स्टेक होल्डर ‘टाटा ट्रस्ट’ की कमान किसके हाथ जाएगी इसके लिए आज (शुक्रवार, 11 अक्टूबर) मुंबई में बैठक होगी। रतन टाटा का निधन बुधवार (9 अक्टूबर) देर रात हो गई थी। रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा अपने पारिवारिक संबंधों और ग्रुप की कई कंपनियों में भागीदारी के कारण टाटा की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए एक मजबूत दावेदार हैं। नवल और सिमोन टाटा के बेटे नोएल ट्रेंट, वोल्टास, टाटा इन्वेस्टमेंट और टाटा इंटरनेशनल के चेयरमैन हैं। टाटा स्टील के वाइस चेयरमैन और सर रतन टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में भी हैं।
टाटा ट्रस्ट की अहमियत और आकार इस तरह समझ सकते हैं कि यह टाटा ग्रुप की परोपकारी संस्थाओं का समूह है, जो 13 लाख करोड़ रुपए के रेवेन्यू वाले टाटा ग्रुप में 66% की हिस्सेदारी रखता है। इसके तहत आने वाले सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के पास ही टाटा संस की 52% हिस्सेदारी है। रतन टाटा के छोटे भाई जिमी टाटा मुंबई में ही रहते हैं, लेकिन वे 90 के दशक में रिटायरमेंट ले चुके हैं। हालांकि वे टाटा संस की कंपनियों में शेयर रखते हैं। उन्होंने भी रतन की तरह शादी नहीं की थी और रिटायरमेंट के बाद वे 2 बेडरूम वाले फ्लैट में रहते हैं। जिमी टाटा पिछले 25 साल से ज्यादा समय से सक्रिय कारोबार से दूरी बनाए हुए हैं। टाटा के नए कारोबार से भी वे जुड़े हुए नहीं हैं। ऐसे में उन्हें टाटा ट्रस्ट की कमान सौंपे जाने के आसार कम ही हैं।