
बिल्ली से डरकर भागी बच्ची गर्म दूध में गिरी, मौत
राजस्थानी चिराग। बिल्ली से डरकर भागी 3 साल की मासूम बच्ची उबलते दूध में गिर गई। इस हादसे में वह गंभीर रूप से झुलस गई। 2 दिन इलाज के बाद बुधवार रात जयपुर में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। घटना डीग जिले के कामां थाने की है। बच्ची के पिता जम्मू में आर्मी में तैनात हैं। पिता बच्ची के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके। कामां कस्बे के अगमा मोहल्ले में 3 साल की मासूम सारिका का परिवार रहता है। घटना 25 मार्च की रात करीब 8 बजे की है। इस हादसे में वह 70 फीसदी जल गई।
घर की छत पर खेल रही थी
सारिका के पड़ोस में रहने वाले जितेंद्र सिंह फौजी ने बताया- हादसे के दौरान सारिका छत पर अकेली थी। परिवार के लोगों ने छत पर चूल्हा रखा हुआ है। 25 मार्च की रात को चूल्हे पर दूध गर्म कर रहे थे। इस दौरान छत पर सारिका की मां हेमलता, उसका 5 साल का भाई सत्यम और सारिका तीनों थे। सारिका के दादा हरिनारायण ने बताया कि सारिका की मां हेमलता ने दूध गर्म कर बर्तन को चूल्हे के पास रख दिया था। खाना बनाने का समय हो गया था। इसलिए वह बच्चों को छत पर छोड़ कुछ सामान लेने नीचे आ गई थी।
बिल्ली को देख भागने लगी बच्ची
इसी दौरान छत पर बिल्ली आ गई। सारिका बिल्ली को देख पीछे की तरफ हुई और भागने लगी। इसी बीच चूल्हे के पास रखे गर्म दूध के बर्तन से वह टकरा गई और उसमें गिर गई। इसके बाद वह जोर-जोर से रोने लगी। भाई सत्यम और सारिका की आवाज सुन हेमलता दौड़ते हुए छत पर दौड़ी। इस हादसे में पैर और कमर (पीछे वाला हिस्सा) बुरी तरह से झुलस गया।परिजन उसे कामां के सरकारी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। इसके बाद वहां से उसे भरतपुर के आरबीएम हॉस्पिटल ले जाया गया। यहां उसकी हालत देखते हुए जयपुर के जेके लोन हॉस्पिटल के लिए रेफर किया गया। जयपुर में इलाज के दौरान बालिका की मौत हो गई।
सारिका के पिता जितेंद्र सिंह राष्ट्रीय राइफल में कॉन्स्टेबल है। अभी वह जम्मू में तैनात है। जबकि दादा एयरफोर्स में है। बेटी के मौत की खबर सुन परिवार के लोग बेसुध हो गए। गुरुवार को सारिका का अंतिम संस्कार किया गया।


