बीकानेर शिक्षा निदेशालय की बड़ी चूक,इंग्लिश मीडियम के बच्चों को बांटा हिंदी में प्रिंट पेपर, देखे खबर
राजस्थानी चिराग। बीकानेर शिक्षा निदेशालय की बड़ी चूक,इंग्लिश मीडियम के बच्चों को बांटा हिंदी में प्रिंट पेपर, देखे खबर
राजस्थानी चिराग। राजस्थान के सरकारी और प्राइवेट स्कूल में अर्द्धवार्षिक परीक्षा हो रही है। इस बीच विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। इंग्लिश मीडियम स्टूडेंट्स को हिंदी में प्रिंट पेपर बांट दिया गया। ऐसा दोनों पारियों में 9th और 10th के स्टूडेंट्स के साथ हुआ। लापरवाही सामने आने पर स्कूल स्टाफ ने ही पेपर का ट्रांसलेट कर स्टूडेंट्स को दिया। इससे एग्जाम भी तय समय से लेट शुरू हो सका।
दरअसल, शिक्षा विभाग से जुड़े राजस्थान के सरकारी और प्राइवेट स्कूल में क्लास 9 से 12 के हाफ ईयरली एग्जाम आज से शुरू हो गए हैं। एग्जाम 24 दिसंबर तक चलेंगे।
इंग्लिश में पेपर प्रिंट ही नहीं
सरकारी और प्राइवेट स्कूल में आज से शुरू हाफ ईयरली एग्जाम का आज पहला पेपर था। एग्जाम में हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा में पेपर प्रिंट करवाया जाता है। आज (सोमवार) क्लास 9th का स्वास्थ्य शारीरिक शिक्षा का पेपर था लेकिन स्टूडेंट्स को केवल हिंदी में प्रिंट पेपर दिया गया। ऐसे में इंग्लिश मीडियम स्टूडेंट्स को परेशानी हुई।
स्कूल स्टाफ ने ट्रांसलेट किया पेपर
राज्य में निजी के साथ सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल भी है। ऐसे में राज्य भर के हजारों प्राइवेट और महात्मा गांधी स्कूल के इंग्लिश मीडियम स्कूल के स्टूडेंट्स को एग्जाम सेंटर पर ही स्कूल स्टाफ ने पेपर ट्रांसलेट कर स्टूडेंट्स को दिया। इससे स्कूल में एग्जाम तय समय से लेट शुरू हो सकें।
दसवीं के पेपर में भी लापरवाही
इस संबंध में पंजीयक शिक्षा विभागीय परीक्षक नरेंद्र सोनी का कहना है कि इस तरह से पेपर वितरण के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। वहीं अजमेर में मॉर्डन स्कूल की प्रिंसिपल ममता शर्मा ने कहा कि- आज स्वास्थ्य शारीरिक शिक्षा का पेपर था। इंग्लिश मीडियम स्टूडेंट्स को हिंदी में प्रिंट पेपर दिया गया। वहीं दूसरी पारी में दसवीं क्लास का भी स्वास्थ्य शारीरिक शिक्षा का पेपर है। दसवीं क्लास का पेपर भी सिर्फ हिंदी में ही प्रिंट है।
शिक्षा पंजीयक करवा रहे हैं एग्जाम
बीकानेर के प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के अधीन संचालित पंजीयक शिक्षा विभागीय परीक्षा करवा रहा है। परीक्षा संचालन के लिए एक टीम भी बना रखी है। इसके बाद भी परीक्षा संचालन में गड़बड़ी सामने आई है।