बीकानेर में करोड़ों रुपए की चकगर्बी जमीन को फर्जी कागजात बनाकर हड़पने वाले मोहन राठी व गिरोह के विरुद्ध संगीन अपराधिक मामला दर्ज
(दैनिक राजस्थानी चिराग की विशेष खबर)
बीकानेर। बीकानेर में पिछले लंबे समय से भू-माफिया गिरोह सक्रिय है, संबंधित सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों से मिलकर अरबों-खरबों की चक गर्बी की सरकारी जमीनो को फर्जी तरीके से अपने नाम कराकर अवैध आवासीय व व्यवसायिक कालोनिया बनाकर बेच चुके है, हालांकि समय समय पर इनके फर्जीवाडे का पर्दाफाश भी होता है, मगर इनके पैसों की ताकत से फाइलों में दब जाते हैं।
ऐसा ही करोड़ों रूपयो की चक गर्बी की 19 बीघा 14 बिस्बा जमीन के फर्जी वाडे का अभी पर्दाफाश हुवा है, जिसकी टीसी आवंटन का आदेश भी बिल्कुल फर्जी लगता है, क्योंकि उक्त आवंटन पत्र की पत्रावली ना तो आवंटन अधिकारी के कार्यालय में मिली बताते हैं और ना ही राजस्व विभाग के पुराने रिकार्ड में दर्ज पाया गया, जिसकी संबंधित पटवारी की रिपोर्ट के बाद भी अधिकारियों ने मिलीभगत करके जमाबंदी गिरदावरी रिकॉर्ड में लेकर जारी करदी।
इस संबंध में अब बीकानेर के मुक्ताप्रसाद पुलिस थाना में चर्चित नामी तथाकथित भू-माफिया मोहन राठी एण्ड गिरोह के विरूद्ध संगीन आपराधिक मामला दर्ज हुवा है।
पुख्ता जानकारी के अनुसार चंद्र गहलोत ने बीकानेर के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-3 की अदालत में इस्तगासा अन्तर्गत धारा 175 (3) के तहत पेश करके मोहन राठी एण्ड गिरोह के विरूद्ध षडयंत्रपूर्वक धोखाधड़ी करके सरकारी चक गर्बी की 19 बीघा 24 बिस्वा जमीन फर्जी आवंटन पत्र से हड़पने का आरोप लगाया, जिस पर सुनवाई के बाद उचित मानते हुवे न्यायालय ने पुलिस थाना मुक्ताप्रसाद को अपराधिक मामला दर्ज करके जांच के आदेश दे दिया है।
न्यायालय के आदेशों के बाद मुक्ताप्रसाद पुलिस थाना ने जसूसर गेट निवासी मोहनलाल पुत्र मिश्रीलाल राठी, नवलखी पत्नी मोहनलाल राठी, केवलचंद दतक पुत्र रतनीदेवी माली, कर्पूरचंद पुत्र मिश्रीलाल राठी, रामस्वरूप पुत्र मोहनलाल राठी, नाथीदेवी पत्नी पूनमचंद, मुरलीधर पुत्र मुखराज आचार्य जसूसर गेट निवासी के विरूद्ध धारा 318 (4), 338, 336 (3),336(4) 340(2) एवं 361(2) बीएनएस की संगीन आपराधिक धाराओं का अपराध मानते हुवे एफआईआर दर्ज करके जांच प्रारम्भ करदी है।
दर्ज प्रकरण में आरोप है कि उपरोक्त आरोपियों ने षडयंत्रपूर्वक धोखाधड़ी करके बीकानेर में राजकीय भूमि सिवायचक कृषि भूमि वाके चक 7 बीके एम खसरा नंबर 77/33 के किला नंबर 1 के 18 व किला नंबर 2 – 9 में 8 बीघा, किला नंबर 10 में 15 बिस्वा, किला नंबर 11 में 18 बिस्वा, किला नंबर 12 व 14 में 3 बीघा, किला नंबर 17 व 19 में 3 बीघा, किला नंबर 20 में 16 बिस्वा, किला नंबर 21 में 14 बिस्वा, किला नंबर 22 व 23 में प्रत्येक में 18 बिस्वा राजकीय भूमि की खातेदारी एसडीओ कार्यालय के आदेश संख्या 983 दिनांक 5-4-2003 की पालना में अधिकारियो व कर्मचारियों से मिली भक्त करके कैम्प दिनांक 27-6-2004 को इंतकाल दर्ज करवा लिया, जबकि रतनीदेवी को ना तो उसकी जमीन के बारे में जानकारी रही है और ना ही उसके नाम किसी प्रकार की कोई टीसी आवंटन रकबा रहा है ना ही वह उस भूमि पर कभी काबिज रही है, सभी आरोपियों ने रतनीदेवी नाम से किसी फर्जी औरत को खड़ा करके वादग्रस्त भूमि में विक्रय पत्र तहरीर व तकमील करवा लिया।
कुल मिलाकर सारा कुछ फर्जी तरीके से होकर भू माफिया गिरोह ने बीकानेर शहर की सरकारी चक गर्बी की करोड़ों रूपये की जमीनो को हासिल करके प्लोटिग करके महंगे भावों में बेच दी बताते हैं।
यह बात चर्चा का विषय बनी हुई है कि इस भूमाफिया गिरोह का मुख्य सरगना तो तथाकथित मोहन राठी ही है, बाकी तो प्यादे है, और यह सभी जानते हैं कि जमीनो की हेराफेरी में मोहन राठी मास्टर माइंड है, इसके जमीनो से जुड़े अनेकों विवाद चल रहे हैं, ऐसा लगता है कि इसने समूचे प्रशासनिक तंत्र को खरीद रखा है, अगर इसके गिरोह द्वारा आजतक की गईं जमीनो की खरीद फरोख्त की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच होती हैं तो बताते हैं कि हजारों बीघा बीकानेर की चक गर्बी की सरकारी जमीनो को फर्जीवाडा करने के मामले उजागर हो सकते हैं, और इसको हवालात में जाने से कोई नहीं बचा सकता है।
मोहन राठी व भू माफिया गिरोह की जांच हेतू मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा ज्ञापन
जयपुर। जानकार सूत्रों से पता चला है कि तथाकथित मोहन राठी व भू माफिया गिरोह द्वारा बीकानेर में चकगर्बी की करीब 22 सौ बीघा जमीन की फर्जी तरीके से खरीद फरोख्त करने व फर्जी आवंटन पत्रों से जमाबंदी कराकर बेचने के आरोपों की जांच हेतू राजस्थान के मुख्यमंत्री व गृहमंत्री से मिलकर ज्ञापन दिया जाएगा। इस संबंध में भ्रष्टाचार विरोधी जनसंघर्ष समिति ने ज्ञापन के साथ फर्जी तरीके से हेराफेरी करके हासिल की गई हजारों बीघा जमीन की सबूतों सहित कागजात पेश किये जायेंगे।
भ्रष्टाचार विरोधी जन संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा है। जिस पर मुख्यमंत्री कार्यालय से जल्द ही मिलने का समय देने का आश्वासन मिला है। ऐसी भी जानकारी मिली है कि बीकानेर के सामाजिक कार्यकर्ता राधेश्याम सारस्वत व कुछ लोगों का शिष्ट मंडल भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के महानिदेशक से मिलकर उनको भी एक ज्ञापन सौंपकर इस संबंध में मामला दर्ज करके जांच की मांग करेगा।
तथाकथित भू-माफिया रमेश चांडक गिरोह का भी होगा पर्दाफाश
बीकानेर में वैसे तो अनेकों भू-माफिया गिरोह सक्रिय है, जिन्होंने तहसील के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ मिलकर चकगर्बी की लाखों बीघा कीमती जमीनों को फर्जी तरीकों से हड़पकर कालोनियां काटकर बेच डाली, मगर चर्चाओं के अनुसार सबसे बड़े दो ही मोहन राठी व रमेश चांडक तथाकथित भू-माफिया गिरोह है, जो इस धंधे के मास्टर माइंड है, रमेश चांडक द्वारा फर्जी तरीकों से बसाई गई अनेकों कालोनियों को बीकानेर के पूर्व जिला दण्डनायक ने सीज भी की थी, मगर सुना है 40-50 लाख का लेन-देन होने के बाद मामला फाईलों में ही दबकर दम तोड़ चुका हैं, अब ऐसी जानकारी मिली है कि एसओजी या एसीबी को यह मामले जांच हेतु सौंपने का ज्ञापन मुख्यमंत्री से मिलकर दिया जायेगा।





