राजस्थान में शराब कारोबारियों ने दी आंदोलन की चेतावनी, रखी ये मांगे, देखे खबर
जयपुर। राजस्थान में शराब कारोबारियों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है। प्रदेशभर के शराब कारोबारियों ने रविवार को जयपुर के मानसरोवर में आयोजित महाकुंभ में एकजुट होकर 15 सूत्री मांगों को सरकार के सामने रखा। उन्होंने कहा कि यदि इन मांगों पर जल्द निर्णय नहीं लिया गया तो मुख्यमंत्री कार्यालय का घेराव किया जाएगा और शराब की नई नीति का बहिष्कार किया जाएगा।
शराब ठेकेदार यूनियन राजस्थान के बैनर तले हुए इस महाकुंभ में प्रदेशभर के शराब कारोबारी शामिल हुए। यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष पंकज धनखड़ ने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण शराब कारोबारी आर्थिक संकट में हैं। उन्होंने मांग की कि दुकानों का समय रात 11 बजे तक बढ़ाया जाए और पुरानी पेनल्टी की वजह से की जा रही नीलामी और कुर्की की कार्रवाई को रोका जाए।
शराब कारोबारियों की प्रमुख मांगें:
- शराब की दुकानों का समय रात 11 बजे तक किया जाए।
- पुलिस का हस्तक्षेप दुकानों पर बंद करवाया जाए।
- पुरानी पेनल्टी के नाम पर हो रही संपत्तियों की कुर्की और नीलामी रोकी जाए।
- 31 मार्च 2024 तक की जब्त राशि को ब्याज सहित लौटाया जाए।
- लिकर कमीशन को 20 प्रतिशत बढ़ाया जाए।
- शराब गारंटी को 30 प्रतिशत कम किया जाए।
- एक्साइज ड्यूटी में राहत दी जाए।
- ग्राहकों को शॉप के पास बैठने की छूट दी जाए।
- ग्रामीण क्षेत्रों में सब शॉप लाइसेंस की व्यवस्था लागू की जाए।
- गारंटी उठाव को वार्षिक किया जाए।
महाकुंभ में शामिल प्रदेश उपाध्यक्ष प्रीतम सिंह, महासचिव मनोहर सिंह भाटी, सचिव सिराजुद्दीन पंवार और अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार द्वारा उनकी समस्याओं को अनदेखा किया जा रहा है।
प्रदेशाध्यक्ष पंकज धनखड़ ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि मांगे नहीं मानी गईं तो प्रदेशभर के शराब कारोबारी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का घेराव करेंगे और नई शराब नीति का बहिष्कार किया जाएगा।
शराब कारोबारियों ने सरकार से शीघ्र समाधान की अपील करते हुए कहा कि नीतियों में सुधार से प्रदेश के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।