निकायों के बाद अब प्रदेश की ग्राम पंचायतों में प्रशासक लगाने की तैयारी
जयपुर। प्रदेश के 49 शहरी निकायों के बाद अब प्रदेश की 6 हजार 759 ग्राम पंचायतों में प्रशासक लगाने की तैयारी की जा रही है। निकायों की तर्ज पर पंचायतों के वार्डों के परिसीमन पर भी विचार किया जा रहा है।
इन ग्राम पंचायतों का जनवरी में कार्यकाल पूरा हो रहा है। इससे पहले अब चुनाव के आसार नहीं हैं। सरकार ने शहरी निकायों और पंचायतों के चुनाव एक साथ करवाने के लिए अभी फैसला नहीं किया है।
उधर, राज्य निर्वाचन आयोग ने जनवरी में चुनाव करवाने की तैयारी शुरू करते हुए हर पंचायत में वोटर लिस्ट अपडेट करने के लिए प्रगणक लगाने के आदेश दिए हैं।
दो दिन पहले (25 नवंबर को) ही प्रदेश के 49 शहरी निकायों में प्रशासक लगाए थे। इन निकायों का कार्यकाल पूरा हो गया था। पंचायतों में ग्राम सचिवों को प्रशासक लगाया जा सकता है। जिन पंचायतों का कार्यकाल जनवरी में पूरा हो रहा है, उनके चुनाव आगे खिसकाया जाना तय माना जा रहा है।
वन स्टेट, वन इलेक्शन को लेकर सरकार में हाई लेवल पर मंथन चल रहा है। अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। इसे लेकर जल्द एक मंत्री लेवल कमेटी बनाने की तैयारी है। सरकार बजट सत्र तक इस पर फैसला ले सकती है। बजट सत्र में इसे लेकर बिल लाया जा सकता है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू की
सरकार की तैयारियों के बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने जनवरी में पंचायत चुनाव करवाने की तैयारी शुरू कर दी है। राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव के लिए वोटर लिस्ट अपडेट करने के लिए प्रगणक नियुक्त करने को कहा है।
पंचायत के तीन या चार वार्डों के लिए एक प्रगणक नियुक्त होगा। एक प्रगणक के पास आवंटित वार्डों में 1100 से ज्यादा वोटर नहीं होंगे। आयोग ने बूथ लेवल ऑफिसर को ही प्रगणक नियुक्त करने को कहा है।
पंचायतों में प्रशासक लगने पर सरपंच और वार्ड पंच नहीं रहते। पंचायत के सारे अधिकार प्रशासक के पास ही रहते हैं। जो विकास के काम सरपंच स्तर पर होते थे, वे प्रशासक मंजूर करता है
पंचायतों में भी वार्डों का परिसीमन करवाने पर विचार
पंचायती राज और शहरी निकायों के चुनाव 5 साल में करवाने की कानूनी बाध्यता है। विशेष परिस्थितियों में ही इसे टालने का प्रावधान है। इसके लिए भी सुप्रीम कोर्ट तक जाना होता है।
कोरोना के वक्त भी चुनाव टालने के लिए सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी। सरकार ने पिछले दिनों शहरी निकायों के वार्डों के परिसीमन का फैसला किया। वार्ड परिसीमन के कारण चुनाव आगे टालने का आधार मिल गया।
पंचायतों के चुनाव आगे खिसकाने के लिए भी पंचायतों के वार्डों का फिर से सीमांकन करवाने का आधार हो सकता है। ऐसे में पंचायतों के वार्ड परिसीमन पर भी कानूनी राय ली जा रही है।