घर पर हो रही थी ‘अग्निवीर’ के स्वागत की तैयारियां, अचानक मिली ऐसी सूचना…टूट गए परिजन और बिखर गए सपने
राजस्थानी चिराग। बीकानेर जिले के लूणकरणसर तहसील के राजासर उर्फ करणीसर गांव निवासी अग्निवीर की ट्रेनिंग पूरी होने से पहले ब्रेन हेमरेज हो जाने से उसका निधन हो गया. यह दर्दनाक घटना उस समय हुई जब अग्निवीर की दो दिन बाद ट्रेनिंग पूरी होने वाली थी. लेकिन उससे पहले ही ब्रेन हेमरेज ने उसकी जान ले ली. अग्निवीर ट्रेनिंग पूरी करके दो दिन बाद 3 दिसंबर को घर आने वाला था. परिवार वाले उसके स्वागत सत्कार की तैयारियां कर रहे थे. अग्निवीर के निधन की सूचना से पूरे गांव में मातम पसर गया.
जानकारी के अनुसार भारतीय सेना में अग्निवीर की ट्रेनिंग ले रहे करणीसर निवासी 22 साल के शंकरदास स्वामी का शुक्रवार को ब्रेन हेमरेज के कारण निधन हो गया. शंकरदास की पार्थिव देह रविवार को उनके पैतृक गांव पहुंची. अपने बच्चे के सिर पर हाथ फेर कर दुलार किया। उनका सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।. इससे पहले पार्थिव देह के लूणकरनसर पहुंचने पर ग्रामीणों ने पुष्पांजलि अर्पित कर अग्निवीर को नमन किया.
सबकुछ धरा का धरा रह गया
अग्निवीर के परिजनों ने बताया कि शंकरदास की दो दिन बाद ट्रेनिंग पूरी होने वाली थी. घर के लोग उसके आने की खुशी में तैयारियां कर रहे थे. शंकरदास ट्रेनिंग पूरी कर तीन दिसंबर को घर लौटने वाला था. इसलिए घर पर रंग-रोगन काम करवाया जा रहा था. परिवार के सभी लोग बेहद खुश थे कि बेटा सेना की वर्दी में घर आएगा. लेकिन सबकुछ धरा का धरा रह गया. शंकरदास के निधन से परिवार को गहरा सदमा लगा है.
1 मई 2024 को अग्निवीर के रूप में भर्ती हुआ था
पिता कानदास ने बताया कि उनके दो बेटे हैं. उनमें शंकरदास सबसे बड़ा था. शंकरदार के ताऊ भंवरदास स्वामी ने बताया कि वह 1 मई 2024 को भारतीय सेना में अग्निवीर के रूप में भर्ती हुआ था. उसकी महाराष्ट्र के नासिक में ट्रेनिंग चल रही थी. गत 28 नवंबर को सुबह परेड के लिए उसे उठाया गया तो उसकी तबीयत ठीक नहीं थी. इस पर उसे नासिक के अस्पताल में भर्ती करवाया गया. वहां भी तबीयत में सुधार नहीं होने पर उसे पुणे के आर्मी हॉस्पिटल के लिए रेफर किया गया. लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था. अगले दिन 29 नवंबर को दोपहर 12 बजे शंकरदास का पुणे अस्पताल में निधन हो गया.