बीकानेर में अब तक छह हजार ने छोड़ा सरकारी लाभ, 31 से पहले नहीं किया ”गिव अप” तो होगी कार्रवाई

बीकानेर में अब तक छह हजार ने छोड़ा सरकारी लाभ, 31 से पहले नहीं किया ”गिव अप” तो होगी कार्रवाई

बीकानेर। राज्य सरकार के “गिव अप अभियान” के तहत अब तक बीकानेर जिले में 6,000 से अधिक लोगों ने स्वेच्छा से सरकारी लाभ त्याग दिया है। इन लोगों ने यह निर्णय लेते हुए घोषणा की है कि वे अब सस्ते अनाज या अन्य सरकारी रियायतों का उपयोग नहीं करेंगे।

गिव अप अभियान का उद्देश्य:
खाद्य सुरक्षा योजना के तहत अपात्र परिवारों का नाम स्वेच्छा से हटाने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है। जिला रसद अधिकारी (द्वितीय) भागूराम महला के अनुसार, इस अभियान से लोगों में जागरूकता बढ़ रही है। अभियान का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत गरीब और जरूरतमंद परिवारों को सही लाभ पहुंचाना है।

31 जनवरी के बाद होगी कार्रवाई:
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि 31 जनवरी 2025 तक यदि अपात्र लाभार्थी स्वेच्छा से अपना नाम नहीं हटाते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसमें राशि वसूली और अन्य दंडात्मक प्रावधान शामिल होंगे।

क्या कहते हैं नियम:
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 का उद्देश्य गरीबों को उचित और सस्ती दरों पर खाद्य सुरक्षा कवच प्रदान करना है। वर्तमान में बीकानेर जिले में 3,01,682 परिवारों के कुल 13,05,431 सदस्य इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं।

अपात्र लाभार्थियों की श्रेणियां:
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के नियमों के अनुसार, निम्नलिखित लोग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लिए अपात्र माने जाते हैं:

  • आयकर दाता।
  • सरकारी/अर्ध-सरकारी कर्मचारी और पेंशनर।
  • वार्षिक आय 1 लाख रुपये से अधिक।
  • निजी चार पहिया वाहनधारक।
  • नगर निगम क्षेत्र में 1,000 वर्गफीट, नगर पालिका क्षेत्र में 1,500 वर्गफीट, और ग्रामीण क्षेत्र में 2,000 वर्गफीट से बड़ा आवासीय/व्यवसायिक परिसर धारक।
  • निर्धारित सीमा से अधिक कृषि भूमि धारक।

लाभ कैसे छोड़ा जा सकता है?
जो लोग योजना से बाहर होना चाहते हैं, वे अपने निकटतम उचित मूल्य दुकान, उपखंड अधिकारी कार्यालय, या जिला रसद कार्यालय में एक साधारण प्रार्थना पत्र जमा कर सकते हैं। यह प्रार्थना पत्र मुफ्त में उपलब्ध है, जिसमें नाम, पता, राशन कार्ड नंबर और मोबाइल नंबर का उल्लेख करना होगा।

जागरूकता बढ़ाने पर जोर:
अभियान की सफलता के लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है। जिला रसद अधिकारी ने अपील की है कि सक्षम परिवार समय पर योजना से अपना नाम हटवाएं, ताकि जरूरतमंद लोगों को लाभ मिल सके।

सरकारी चेतावनी:
31 जनवरी के बाद अपात्र लाभार्थियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जिसमें गेंहू की राशि वसूली और अन्य दंडात्मक कदम शामिल होंगे।

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