
UPI में आने वाला है बड़ा बदलाव, ऑटो-डेबिट वाला UPI पुल ट्रांजैक्शन हो सकता है बंद, जानें क्या होगा आपके लिए इंपैक्ट
राजस्थानी चिराग। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) पेमेंट फ्रॉड रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। इसे लेकर वह UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) के जुड़े सिक्योरिटी फीचर्स को लगातार मजबूत कर रहा है। अब NPCI पेमेंट फ्रॉड को रोकने के लिए UPI से जुड़े नियमों में कुछ जरूरी बदलाव कर सकता है। इसमें ‘पुल ट्रांजैक्शन’ फीचर को बंद करने का फैसला लिया जा सकता है। इसे लेकर NPCI बैंकों से बातचीत कर रहा है। इस फीचर के बंद होने के बाद UPI से जुड़े साइबर फ्रॉड के मामलों में कमी आएगी।
तो चलिए, आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि पुल ट्रांजैक्शन क्या है? साथ ही जानेंगे कि-
इस फीचर के बंद होने से यूजर्स को क्या फायदा मिलेगा?
NPCI इसे क्यों खत्म करना चाहता है?
एक्सपर्ट: ईशान सिन्हा, साइबर एक्सपर्ट, नई दिल्ली
सवाल- ‘पुल ट्रांजैक्शन’ क्या है?
जवाब- UPI में दो तरीकों से ट्रांजैक्शन होता है। पहला पुश ट्रांजैक्शन और पुल ट्रांजैक्शन। जब कोई मर्चेंट किसी सामान या सर्विस के बदले ग्राहक को पेमेंट के लिए रिक्वेस्ट भेजता है तो उसे ‘पुल ट्रांजैक्शन’ कहा जाता है। इस ट्रांजैक्शन में पेमेंट की राशि पहले से तय होती है। ग्राहक को सिर्फ अपना UPI पिन डालना होता है। यहां यह स्पष्ट कर दें कि ऑनलाइन शॉप, दुकान या रेस्टोरेंट, बिजली, मोबाइल रिचार्ज जैसी सर्विस देने वाली कंपनियों को मर्चेंट्स कहते हैं क्योंकि वे ग्राहकों से पेमेंट लेती हैं। वहीं जब ग्राहक खुद QR कोड स्कैन करके या मोबाइल नंबर डालकर पैसे भेजता है तो इसे ‘पुश ट्रांजैक्शन’ कहते हैं। इसमें ग्राहक खुद पेमेंट की राशि दर्ज करता है।
सवाल- ‘पुल ट्रांजैक्शन’ फीचर के बंद होने से यूजर्स को क्या फायदा होगा?
जवाब- NPCI इसे बंद करने को लेकर अभी बैंकों से बात कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह बातचीत अभी पहले चरण में है। अगर पुल ट्रांजैक्शन को भविष्य में बंद किया जाता है तो ग्राहकों को कुछ संभावित फायदे हो सकते हैं।
सवाल- क्या इससे ऑनलाइन सब्सक्रिप्शन और बिल पेमेंट्स पर असर पड़ेगा?
जवाब- ‘पुल ट्रांजैक्शन’ बंद होने से ऑटो-डेबिट आधारित सब्सक्रिप्शन और बिल पेमेंट्स पर असर पड़ेगा। अभी कई लोग बिजली, मोबाइल रिचार्ज, गैस और अन्य बिल ऑटो-डेबिट पर सेट कर देते हैं। इससे हर महीने उनके बैंक अकाउंट से अपने आप पैसे कट जाते हैं। इस फीचर बंद होने के बाद यूजर को हर महीने मैन्युअली पेमेंट करना होगा।
सवाल- जिन सर्विस के लिए लोग ऑटो-डेबिट का इस्तेमाल करते थे, वे अब कैसे काम करेंगी?
जवाब- UPI के ‘पुल ट्रांजैक्शन’ फीचर के बंद होने के बाद ऑटो-डेबिट में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं। ऑटो-डेबिट का इस्तेमाल ज्यादातर बिजली बिल, मोबाइल रिचार्ज, OTT सब्सक्रिप्शन, लोन EMI, बीमा प्रीमियम, SIP निवेश, म्यूचुअल फंड के लिए किया जाता था। अब इन सर्विस के लिए नए विकल्प अपनाने होंगे। अब ग्राहक को UPI नोटिफिकेशन या SMS के जरिए पेमेंट मंजूरी देनी होगी। EMI पेमेंट एप्स या बैंकिंग एप्स में ऑटो-डेबिट ऑप्शन मिलेगा, लेकिन हर बार मंजूरी जरूरी होगी।



