पूर्व सरपंच का भतीजा चला रहा था 100 करोड़ की ड्रग्स फैक्ट्री
झुंझुनूं जिले के नांद का बास गांव में खेतों के बीच बने एक मुर्गी फार्म में करीब 15 दिन से मेफेड्रोन (एमडी) ड्रग्स फैक्ट्री चल रही थी। महाराष्ट्र पुलिस की एंटी नारकोटिक्स सेल और झुंझुनूं पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में इस अवैध फैक्ट्री का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस जांच में सामने आया कि एमडी ड्रग्स निर्माण के दौरान तेज बदबू आती है। लोगों को भनक न लगे, इसके लिए सुनसान इलाके में बने मुर्गी फार्म को चुना। ये फार्म पिछले सात-आठ साल से संचालित हो रहा था और आरोपी अनिल सिहाग के चाचा सुरेश सिहाग का है। सुरेश सिहाग की पत्नी चुड़ैला ग्राम पंचायत की सरपंच रह चुकी हैं। पहले नांद का बास चुड़ैला ग्राम पंचायत में ही आता था। लेकिन हाल ही में परिसीमन के बाद नांद को अलग ग्राम पंचायत बना दिया गया। गिरफ्तार आरोपी अनिल कुमार सिहाग 12वीं पास है। पुलिस के अनुसार वह पहले भी मादक पदार्थों की तस्करी में संलिप्त रह चुका है। वर्ष 2016-17 में वह अपने चाचा के मुर्गी फार्म पर काम करता था, जहां उसकी पहचान सुभाष से हुई। इसके बाद वह नीमच से डोडा पोस्त लाकर आस-पास के इलाकों में सप्लाई करने लगा। एक मामले में उसे जेल भी जाना पड़ा था।




