प्रेम-प्रसंग के चलते युवक ने गोली मार पति-पत्नी की हत्या,बात नहीं करने से नाराज था प्रेमी
राजस्थानी चिराग। जयपुर में पति-पत्नी की गोली मारकर हत्या के मामले में प्रेम-प्रसंग की बात सामने आ रही है। हत्यारे का महिला से अफेयर चल रहा था। पिछले कुछ समय से महिला ने बात करना बंद कर दिया तो वह नाराज चल रहा था। प्रेम-प्रसंग में महिला का पति उसके लिए परेशानी बन गया था। ऐसे में बातचीत करने घर गया और विवाद होने पर गोली मारकर हत्या कर दी। SHO सांगानेर सदर नंद लाल ने बताया- जोतवाड़ा के शांति विहार निवासी राजाराम उर्फ राजू (26) और उसकी पत्नी आशा मीणा (25) की हत्या की गई।
राजाराम अपनी पत्नी आशा, छोटे भाई आशाराम और बहन मीनाक्षी के साथ यहां रहता था। राजाराम सोलर लाइट लगाने का काम करता था। उसकी पत्नी आशा और छोटा भाई आशाराम शिकारपुरा रोड स्थित कुर्ती फैक्ट्री में जॉब करते थे। फैक्ट्री में उनके साथ ही आगरा (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला मोनू उपाध्याय उर्फ मोनू पंडित भी जॉब करता था। राजाराम-आशा के घर से करीब आधा किलोमीटर दूर मोनू किराए के मकान में रहता था। यहां वह अपनी पत्नी और तीन बच्चों (9 साल, 4 साल व 8 महीने के बच्चे) के साथ सालों से रह रहा था। फैक्ट्री में साथ काम करने के दौरान मोनू ने आशा से नजदीकियां बढ़ा ली। बातचीत के दौरान आशा से मोनू ने दोस्ती कर ली। 6 महीने पहले मोनू ने बातचीत के लिए आशा को एक मोबाइल भी दिया। मोबाइल पर मोनू आशा से चोरी-छिपे बातचीत करने लगा।
मोबाइल मिलने पर चला पता
SHO सांगानेर सदर नंद लाल ने बताया- सप्ताहभर पहले आशा घर से बाहर गई हुई थी। मोनू का दिया मोबाइल घर की अलमारी में रखा हुआ था। देवर आशाराम ने अलमारी खोली।
अलमारी के अंदर कपड़ों में उसे मोबाइल छुपा हुआ मिला। आशाराम ने अपने भाई राजाराम से भाभी की अलमारी में मिले मोबाइल के बारे में पूछा। मोबाइल के बारे में कोई जानकारी नहीं होने का पता चला। दोनों भाइयों ने मोबाइल को चार्ज कर स्टार्ट किया। इसमें मोनू के मोबाइल नंबर पर बातचीत होने का पता चला।
फैक्ट्री जाना किया बंद
पत्नी आशा के घर आने पर पति राजाराम ने मोनू से बातचीत करने का विरोध किया। आशा ने फिर कभी मोनू से बात नहीं करने का विश्वास दिलाया। इसके चलते आशा ने फैक्ट्री जाना भी बंद कर दिया। पिछले सात दिन से फैक्ट्री नहीं आने पर मोनू ने एक दिन आशा को रास्ते में रोक लिया। बातचीत के लिए आशा पर दबाव बनाते हुए मोनू को आशाराम ने देख लिया था।
बातचीत बंद होने पर गुस्साया
आशा से बातचीत बंद होने पर मोनू गुस्सा हो गया। आशा के साथ प्रेम-प्रसंग में पति राजाराम उसके लिए परेशानी बन गया था। आशा से बातचीत के बीच आए पति राजाराम को वह धमकाने के लिए ढूंढ रहा था।
24 जनवरी की सुबह मोनू ने राजाराम के मोबाइल पर कई कॉल किए। राजाराम ने छोटे भाई आशाराम को बार-बार मोनू के कॉल करने की बात बताई। मोनू के कॉल करने पर राजाराम ने घर पर होना बताया। इसके बाद आशाराम जॉब पर चला गया।
पिस्तौल लेकर पहुंचा धमकाने
24 जनवरी की दोपहर करीब 12:30 बजे पिस्तौल लेकर मोनू धमकाने के लिए राजाराम के घर पहुंचा। मोनू के आने के दौरान राजाराम, उसकी पत्नी आशा और बहन मीनाक्षी घर पर मौजूद थे।
घर में घुसते ही मोनू ने मीनाक्षी को कहा- बाहर तेरी सहेली बुला रही है। बाहर सहेली के नहीं मिलने पर मीनाक्षी पास ही पीहर आई बड़ी दीदी से मिलने चली गई। बातचीत के लिए तीनों मकान के पिछले हिस्से में बने कमरे में चले गए।