बीकानेर में अब मलबे के नहीं लगेंगे ढेर, जाने क्यों, पढ़ें यह खबर
बीकानेर। शहर में आने वाले समय में जगह-जगह निर्माण कार्यों से निकलने वाले मलबे के ढेर नजर नहीं आएंगे। मलबे से ब्लॉक, ईंटे और बजरी बनेगी, जिनका पुन: उपयोग हो सकेगा। बल्लभ गार्डन क्षेत्र में तैयार हो रहे सी एण्ड डी (कंस्ट्रक्शन एण्ड डिमोलिशन ) वेस्ट प्लांट में तैयारियां अंतिम चरण में हैं। संभावना है कि इसी साल दिसंबर से प्लांट में मलबे के निस्तारण का कार्य प्रारंभ हो जाए। संवेदक फर्म ने प्रारंभिक तैयारियों के क्रम में शहर के विभिन्न क्षेत्रों से मलबे का संग्रहण और परिवहन का कार्य प्रारंभ कर दिया है। निगम मलबे के परिवहन के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी करेगा।
100 टन मलबे का होगा रोज निस्तारण
प्लांट में रोज 100 टन मलबे का निस्तारण होगा। मशीनों से मलबे को क्रशर की मदद से अलग कर छाना जाएगा व पानी से धोकर अलग किया जाएगा। प्लांट को बल्लभ गार्डन क्षेत्र स्थित एसटीपी से पानी मिलेगा। प्लांट के लिए रोज 24 केएल पानी की जरूरत होगी। इसके लिए संवेदक फर्म निगम को प्रति केएल 12 रुपए की दर से भुगतान भी करेगा। निगम का संवेदक फर्म से इस कार्य के लिए दस साल का एमओयू हुआ है।
पांच करोड़ की लागत
बल्लभ गार्डन क्षेत्र में पांच करोड़ की लागत से सी एण्ड डी वेस्ट प्लांट तैयार हो रहा है। इसमें तीन करोड़ रुपए केन्द्र व राज्य सरकार तथा निगम का निवेश है। जबकि दो करोड़ रुपए संवेदक फर्म की राशि है। करीब 40 हजार वर्ग मीटर में प्लांट का निर्माण हो रहा है। चारदीवारी बन चुकी है। वे ब्रिज लग चुका है। गार्ड रूम का निर्माण हो गया है। मशीनों के लिए फाउण्डेशन बन चुके हैं। शहर के विभिन्न क्षेत्रों से संवेदक फर्म ने मलबा ट्रांसपोर्टेशन कार्य प्रारंभ कर दिया है। तैयार माल भी संवेदक फर्म बेचेगा।
400 टन मलबा उठाया
शहर में प्रारंभ हुए इस कार्य के तहत संवेदक फर्म ने मलबा उठाने का कार्य प्रारंभ कर दिया है। निगम जानकारी अनुसार, फर्म की ओर से दो दिन में विभिन्न स्थानों से करीब 400 टन मलबा उठाकर बल्लभ गार्डन प्लांट क्षेत्र में संग्रहित किया गया है। यह कार्य अब फर्म की ओर से अनवरत रूप से जारी रहेगा।
जगह-जगह लगे हैं मलबे के ढेर
शहर में जगह-जगह निर्माण कार्यों से निकलने वाले मलबे के ढेर लगे हुए हैं। कई स्थानों पर मलबे के कारण मार्गों से निकलना दूभर है। वहीं कई क्षेत्रों में मलबा स्थानीय लोगों के लिए समस्या भी बना हुआ है। मलबे का ट्रांसपोर्टेशन और निस्तारण नियमित रूप से प्रारंभ होने से आमजन को राहत मिलेगी व मार्ग व क्षेत्र स्वच्छ बने रहेंगे।
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