शेयर मार्केट ठगी के मामले में बड़ा खुलासा! 10 हजार करोड़ का फर्जीवाड़ा, जाने क्या है पूरा मामला?

शेयर मार्केट ठगी के मामले में बड़ा खुलासा! 10 हजार करोड़ का फर्जीवाड़ा, जाने क्या है पूरा मामला?

राजस्थानी चिराग। राजस्थान में एक बड़ा स्कैम सामने आया है, जिसमें ठगों ने शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर लोगों से 10 हजार करोड़ रुपए की ठगी की है। इस धोखाधड़ी का खेल पिछले आठ साल से मोबाइल ऐप के जरिए चल रहा था। इस घोटाले में महाराष्ट्र और कर्नाटक के निवेशक भी फंसे हैं।

ऐप का संचालन श्रीगंगानगर के युवकों ने किया था, जिनकी गिरफ्तारी अब पुलिस ने कर ली है। श्रीगंगानगर पुलिस ने लाजपत आर्य और उसके बेटे दीपक आर्य नायक को गिरफ्तार किया है, और उनके पास से लाखों की संपत्ति जब्त की है, जिसमें लग्जरी कार और नकद राशि शामिल हैं।(Sri Ganganagar Crime News) इन ठगों ने जयपुर और श्रीगंगानगर में करोड़ों की संपत्ति खरीदी थी, जबकि गैंग के चार आरोपी अभी भी फरार हैं, जिनमें लाजपत आर्य का बेटा अजय आर्य भी शामिल है। क्या है इस ठगी की पूरी सच्चाई? आइए जानते हैं।

कैपमोर एफएक्स एप का खेल

श्रीगंगानगर के ठगों ने ‘कैपमोर एफएक्स’ नाम से एक एप्लिकेशन बनाई थी, जिससे वे लोगों को शेयर मार्केट में निवेश का तरीका सिखाते थे। कर्नाटक और महाराष्ट्र में सेमिनार आयोजित कर ग्राहकों को आकर्षित किया जाता था। 15 से 20 दिनों की ट्रेनिंग के बाद 10-15 हजार रुपए रजिस्ट्रेशन फीस के रूप में वसूले जाते थे और फिर इस एप पर निवेश करवा दिया जाता था।

छोटे निवेश से बड़ा मुनाफा

ठग पहले ग्राहकों से छोटे निवेश की शुरुआत करवाते थे, जैसे 1,000 रुपए का निवेश। बाद में उन्हें 500 रुपए का मुनाफा दिखाकर, बड़े निवेश के लिए तैयार किया जाता था। इसके बाद, ग्राहकों को और निवेशक लाने पर कमीशन का लालच दिया जाता था। इस तरीके से ठग बड़े पैमाने पर लोगों को फंसाते थे।

 कैसे खुला ठगी का मामला

जब इस मामले की जांच शुरू की गई, तो ‘प्रतिबिंब ऐप’ का उपयोग किया गया, जिससे आरोपियों के मोबाइल नंबर का ट्रैक किया गया। इस नंबर पर कर्नाटक और महाराष्ट्र में 5 साइबर फ्रॉड की शिकायतें थीं। जांच में पता चला कि इन खातों में करोड़ों रुपए का लेन-देन हुआ था, जो इस ठगी को और बड़ा बना दिया।

कर्नाटक के व्यक्ति ने दर्ज कराया केस

कर्नाटक निवासी कटप्पा बाबू चौहान ने आरोपियों के खिलाफ 4.5 करोड़ रुपए की ठगी का केस दर्ज कराया था। जब इस केस की गंभीरता की जांच की गई, तो यह पूरी ठगी का मामला 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निकला। मामले में शामिल आरोपी दुबई भागने की कोशिश कर रहे थे, जिनमें दीपक आर्य का भाई अजय आर्य, सौरभ चावला, उसकी पत्नी सलोनी चावला, बलजीत सिंह, और कर्मजीत सिंह शामिल हैं।

 सभी की संपत्ति की जाएगी सीज

श्रीगंगानगर के एसपी गौरव यादव ने बताया कि इस गिरोह में शामिल सभी लोगों के खिलाफ दो FIR दर्ज की गई हैं। पुलिस गिरोह के हर सदस्य की चल-अचल संपत्ति की जानकारी लेकर कोर्ट में इस्तगासा पेश करेगी। कोर्ट के आदेश से इन सभी की संपत्ति सीज करके नीलाम की जाएगी, और उसकी राशि ठगी के शिकार लोगों को लौटाई जाएगी।

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