-भू-माफिया मोहन राठी व चांडक द्वारा अरबों की सरकारी जमीनों के फर्जीवाड़े की शिकायतें , क्या राज्य सरकार एसओजी पुलिस से करायेगी जांच?
बीकानेर। शहर के नामी भू-माफिया मोहन लाल राठी व रमेश चांडक द्वारा सरकारी और गैर सरकारी जमीनों के कागजातों में हेराफेरी करके किये गये अवैध रूप से कब्जों की शिकायत राजस्थान यूडीएच विभाग तक पहुंचने के बाद अब इनके खिलाफ बड़ी कार्यवाही की तैयारी चल रही है। जानकारी में रहे कि शुरूआती दौर में छोटी-मोटी जमीनों की खरीद फरोख्त से जुड़े जस्सूसर गेट बाहर रहने वाले मोहन लाल राठी व रमेश चांडक का नाम आज बीकानेर के टॉप-10 भू-माफियाओं की हिटलिस्ट में शामिल है। जिन्होंने शहर के नजदीकी चकगर्बी, मुक्ता प्रसाद नगर, खारा और बीछवाल औद्योगिक क्षेत्र में अरबों रूपये की बेशकिमती सरकारी और गैर सरकारी जमीनों पर कागजों में हेराफेरी करके कब्जा करके बेच डाला है। जमीनों के खसरों की हेराफेरी में माहिर इन भू-माफियाओं के नेटवर्क में तहसील ऑफिस समेत बीडीए, आवासन मंडल और रीकों के कई अधिकारी कार्मिक भी जुड़े हुए है। जानकारी के अनुसार इन दुस्साहसी भू-माफियाओं ने दलितों की जमीनों के दस्तावेजों में भी हेराफेरी करके हजारों बीघा जमीन अपने नाम कर ली और उन जमीनों पर अवैध कॉलोनियां भी बसा दी।
बीछवाल औद्योगिक क्षेत्र के पास इनके द्वारा बेची गई अनेक कॉलोनियों को अवैध मानते हुए बीकानेर के पूर्व जिला दण्ड नायक ने उन कॉलोनियों को सीज करके सरकारी भूमि घोषित करने का प्रयास किया था। मगर ले-देकर इन भूमाफियों ने पूर्व जिला दण्ड नायक द्वारा की गई कार्यवाही को फाइलों में ही दफन करवा दी और उस पर आज तक किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है। इसी प्रकार इन भूमाफियाओं ने खारा इण्डस्ट्रीज के पास कृषि भूमि खरीदकर उसपर गैर कानूनी रूप से औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित कर दिया और कानूनी शिकंजे से बचने के लिए छोटे-छोटे इण्डस्ट्रीज प्लॉट काटकर संबंधित अधिकारियों से मिलकर उन्हें कन्वर्ट भी करवा लिया बताते है।
ऐसी जानकारी भी मिली है कि इन भूमाफियाओं गिरोह द्वारा कागजों में हेराफेरी करके सैंकडों बीघा जमीन का मामला उजागर होने के बाद बीकानेर के पूर्व संभागीय आयुक्त नीरज के पवन ने अवैध मानते हुए सैंकडों बीघा जमीन के आवंटन रद्द कर दिये थे। और यह भी जानकारी मिली है कि इस भूमाफिया गिरोह द्वारा कागजों में हेराफेरी करके अनेकों जगह सैंकड़ों बीघा जमीन अपने नाम करवाने के प्रकरण भी सामने आये है। और नीचे के अधिकारियों ने उनको अवैध मानते हुए निरस्त करने की अनुशंषा भी संभागीय आयुक्त को भेज दी बताते है जो अभी तक अधीनस्थ अधिकारियों की मिली भगत के कारण सरकारी फाइलों में धूल चाट रही है।
इन भू-माफियाओं से संबंधित समस्त जानकारी से राजस्थानी चिराग ने यूडीएच व पुलिस तथा राज्य सरकार को भी अवगत करवाया है। और राजस्थानी चिराग की ओर से जल्द ही इन भू-माफियाओं के द्वारा संबंधित अधिकारियों से मिलकर फर्जी कागजातों के आधार पर आवंटित वाली जमीनों की काली कुण्डली उजागर करने की पड़ताल जारी है।





