बड़ी खबर: पंचायतों के पुनर्गठन के बाद ही होंगे चुनाव, अब 25 ग्राम पंचायतों को मिलाकर बनाई जा सकेगी समिति
जयपुरः भजनलाल सरकार की आज कैबिनेट बैठक हुई. जिसमें कई अहम फैसले लिए गए. प्रदेश सरकार ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन करेगी. पंचायतों को पुनर्गठन के लिए 3 श्रेणी में बांटा गया है. पुनर्गठन का प्रस्ताव 20 दिन में कलेक्टर को भेज सकेंगे. 30 दिन में कलेक्टर सरकार को प्रस्ताव भेजेंगे. अब 25 ग्राम पंचायतों को मिलाकर पंचायत समिति बनाई जा सकेगी. जबकि पहले एक पंचायत समिति में 40 ग्राम पंचायतें होती थी. पंचायतों के पुनर्गठन के बाद ही पंचायत चुनाव होंगे. ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों जिला परिषदों का पुनर्गठन होगा.
राजस्थान में अब 7 संभाग व 41 जिले रहेंगे. सरकार ने नवसृजित 3 संभाग और 9 जिले निरस्त किए है. दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, अनूपगढ़, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण और सांचौर जिला खत्म होगा. सरकार ने पाली,सीकर और बांसवाड़ा संभाग को खत्म किया है. नए बने जिलों में बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, कोटपूतली-बहरोड, खैरथल-तिजारा, फलौदी, सलूंबर जिला यथावत रहेंगे. SI भर्ती को लेकर एजेंडा नहीं था. कोर्ट में मामला विचाराधीन है.
जिलों का सीमांकन दुबारा नहीं:
तबादलों पर बैन हटने का सकारात्मक विचार हुआ है. समय पर निर्णय की जानकारी दी जाएगी. जिलों का सीमांकन दुबारा नहीं होगा. जनवरी के अंतिम सप्ताह में विधान सभा सत्र होगा. आने वाले जनवरी के अंतिम सप्ताह में विधानसभा सत्र आहूत होगा. वर्तमान में मौजूद 41 जिलों का सीमांकन दोबारा नहीं किया जाएगा.
पूर्ववर्ती सरकार ने की जनसंख्या की अनदेखीः
मापदंडों की अनदेखी कर पूर्ववर्ती सरकार ने नए जिले बनाए थे. जनसंख्या की अनदेखी की थी. नए जिलों में पद सृजित नहीं किए. नए भवन की उपलब्धता नहीं थी बजट नहीं था. सिर्फ 18 विभागों में पद सृजित हुए. कमेटी ने सिफारिश का अनुमोदन किया है. 17 नए जिलों व 3 संभागों की जरूरत नहीं है. पिछली सरकार ने अंतिम समय में जिले बनाए थे. यह घोषणा व्यवहारिक नहीं थी. पंवार कमेटी ने भी बताया नये जिले-संभाग व्यवहारिक नहीं है. नये जिलों और संभाग की आवश्यकता नहीं.
पूरे 5 साल में 4 लाख लोगों को सरकारी नौकरी मिलेगी. अब कार्यकाल में 10 लाख बेरोजगारों को रोजगर के अवसर दिए जाएंगे. पांच वर्ष में 10 लाख युवाओ को रोजगार के अवसर देगें.