बीकानेर की सड़को पर चलना है तो… पहले हिम्मत जुटाइये, फिर हेलमेट
यह बीकानेर है। राज्य सरकार और केंद्र के दो मंत्री यहीं के निवासी। सभी आठ विधायक यहीं बसे हुए। साथ ही संभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर और नगर निगम का मुख्यालय भी। इतनी प्रशासनिक और राजनीतिक उपस्थिति के बावजूद हालत ये हैं कि शहर की सड़कों पर चलना किसी जंग से कम नहीं। अम्बेडकर सर्किल से रानीबाजार पुलिया तक जाने वाले रास्ते पर तो बस और ट्रक ही साहस से गड्ढों में घुसते नजर आए। बाकी वाहन बचकर निकलते दिखे। डुप्लेक्स कॉलोनी जाने वाली सड़क तो ‘सड़क’ शब्द की परिभाषा ही भूल चुकी है। वेटरनरी यूनिवर्सिटी की ओर जाने वाला मार्ग शहर की सबसे खराब सड़कों में शुमार हो गया है। एक ओर खुदी सीवर लाइन। दूसरी ओर पूरी उधड़ी सड़क। श्रीगंगानगर सर्किल भी इसी हाल में। पिछली दीपावली से पहले पीडब्ल्यूडी, बीडीए और जिला प्रशासन ने वादा किया था कि त्योहार से पहले शहर की सड़कें चमकेंगी। वो दीपावली बदहाल सड़कों के बीच मना ली गई। अब अगली दीपावली आने को है और हालत और ज्यादा खराब हो चुके हैं।

यहां हाल बेहाल
-जैसलमेर रोड से शुरुआत : दुपहिया वाहन सीधे गड्ढों से टकराए
-पुलिस लाइन से रोशनी घर चौराहा: जगह-जगह गहरे गड्ढों से सामना
-फड़ बाजार: खुले चैम्बर, मौत को दावत
-बी सेठिया गली, केईएम रोड, सार्दुलसिंह सर्किल: हर जगह गड्ढों से जंग
-नमकीन भंडार के सामने: गड्ढों में समाते वाहन
-तुलसी सर्किल से सेल्सटैक्स ऑफिस रोड: सड़क की जगह अब सिर्फ पत्थर





