पीबीएम अस्पताल की अव्यवस्थाओं पर कांग्रेस नेताओं का फूटा गुस्सा, अधीक्षक को सुनाई खरी-खरी
बीकानेर। पीबीएम अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर सोमवार को कांग्रेस नेताओं का एक प्रतिनिधि मंडल ने पीबीएम अधीक्षक से मिलकर खरी-खरी सुना डाली। इस दौरान प्रतिनिधिल मंडल ने छह सूत्रिय मांग पत्र अधीक्षक को सौंपते हुए सख्त लहजे में चेतावनी दी कि अगर इन मांगों पर जल्द सुधार नहीं किया गया तो कांग्रेस की ओर से बड़ा आंदोलन किया जाएगा। कांग्रेस नेताओं ने पीबीएम कार्यवाहक अधीक्षक डॉ. पी.के.सैनी को ज्ञापन सौंपा और कहा कि पीबीएम अस्पताल की अव्यवस्था से हर कोई परेशान है। वार्डों में गंदगी फैली हुई पड़ी है। मरीजों को समय पर ईलाज नहीं मिल रहा। अधिकांश दवाएं पीबीएम में नहीं मिल रही, मजबूरन महंगे दामों में बाहर से दवाएं लाने को लोग मजबूर हो रहे है। नेताओं ने कहा कि डॉक्टर्स अपनी ड्यूटी पर समय पर नहीं पहुंचते और समय से पहले घर चले जाते है। जिस मरीज को आज जांच चाहिए, उसे जांच के लिए दो-दो माह आगे का समय दिया जा रहा है, इस स्थिति में मरीज मजबूर होकर बाहर निजी लैब से जांच करवाता है। नेताओं ने अधीक्षक से कहा कि जिस व्यक्ति को आज इलाज की जरूरत है, वो जांच के लिए माह को कैसे इंतजार कर सकता है, यह सोचने वाला विषय है। साथ ही पीबीएम की सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर भी नेताओं ने कई सवाल खड़े किये और कहा कि आये दिन मरीजों के साथ घटनाएं हो रही है, सुरक्षा व्यवस्था जीरो है। कभी किसी का पर्स चोरी हो रहा है तो कभी किसी की जेब से पैसे निकाले जा रहे है। यहां तक कि कई केस तो ऐस भी सामने आए है, जब चोर मरीज की ईलाज संबंधी दस्तावेज चोरी कर ले गए।
नेताओं ने बताया कि पीबीएम अस्पताल में ईलाज हेतु जनआधार की अनिवार्यता को खत्म किया जाए, क्योंकि किसी व्यक्ति के पास जन आधार नहीं है तो उसका यहां ईलाज नहीं होता, जबकि उसके पास अपना आधार कार्ड है, लेकिन उसे जनआधार का बोल कर यहां से टरका दिया जाता है, यह कैसी व्यवस्था है? नेताओं ने सख्त लहजे में कार्यवाहक अधीक्षक को चेतावनी दी कि अगर समय रहते मांगों में सुधार नहीं किया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इस दौरान देहात अध्यक्ष बिशनाराम सियाग, यूथ कांग्रेस देहात अध्यक्ष भंवरलाल कूकणा, पूर्व यूआईटी चेयरमैन मकसूद अहमद सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे।