EVM हैक करने का दावा करने वाले पर FIR,आरोपी ने कहा था- 53 करोड़ दो, महाराष्ट्र में 63 सीटों की EVM हैक कर देंगे
राजस्थानी चिराग। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हार के बाद कुछ विपक्षी दलों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. हालांकि आयोग ने विपक्ष के दावों को खारिज कर दिया है. इधर, EVM पर विपक्ष के सवालों के बीच एक वायरल वीडियो में कुछ लोगों को EVM में कथित हेरफेर की योजना बनाते हुए दिख रहे हैं. इसके बाद महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की शिकायत पर मुंबई साइबर पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है.
महाराष्ट्र सीईओ कार्यालय की ओर से कहा गया है कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया गया है, जिसमें महाराष्ट्र चुनावों में EVM को हैक करने और छेड़छाड़ करने के झूठे आधारहीन और निराधार दावे कर रहा है. मुंबई साइबर पुलिस ने सीईओ महाराष्ट्र से शिकायत मिलने के बाद इस वीडियो में व्यक्ति के खिलाफ 30 नवंबर की रात को साइबर पुलिस स्टेशन, दक्षिण, मुंबई में एफआईआर संख्या 0146/2024 दर्ज की है.
चुनाव आयोग की ओर से कहा गया कि ईवीएम को किसी भी नेटवर्क से नहीं जोड़ा जा सकता, चाहे वह वाई-फाई हो या ब्लूटूथ. इसलिए ईवीएम में हेरफेर करने का सवाल ही नहीं उठता. ईवीएम पूरी तरह से छेड़छाड़-रोधी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कई मौकों पर EVM में अपना विश्वास जताया है. भारत के चुनाव आयोग ने किसी भी संदेह को दूर करने के लिए पहले ही अपनी वेबसाइट पर विस्तृत FAQ प्रकाशित कर दिए हैं. बयान में कहा गया है कि 2019 में इसी तरह की घटना में उसी व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. आरोपी दूसरे देश में छिपा हुआ है. चुनाव आयोग ने कहा कि ईवीएम के बारे में गलत दावे करने या गलत सूचना फैलाने वाले के खिलाफ सख्त आपराधिक कार्रवाई की जाएगी. किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.
वायरल वीडियो में एक व्यक्ति को वीडियो कॉल पर यह बताते हुए दिखाया गया है कि वह कथित तौर पर ईवीएम को कैसे हैक कर सकता है. आरोपी व्यक्ति को यह कहते हुए सुना जाता है कि उसकी 288 में से 281 सीटों तक पहुंच है. उसने कथित तौर पर 63 सीटों पर जीत सुनिश्चित करने के लिए 52-53 करोड़ रुपये की राशि का हवाला दिया. वीडियो में दिख रहे शख्स की पहचान सैयद शुजा के रूप में की गई है. उनके खिलाफ 2019 की शिकायत में चुनाव आयोग ने दिल्ली पुलिस को बताया था कि शुजा ने दावा किया था कि वह ईवीएम डिजाइन टीम का हिस्सा थे और उन्हें हैक कर सकते थे.