
राजस्थान में फ्री गेहूं लेने वाले अपात्र लोगों को रसद विभाग ने चेताया, सच उगल दें वरना…
राजस्थानी चिराग। रसद विभाग ने अपात्रों को चेताया है कि या तो वे सच उगल दें, अन्यथा जांच के बाद उनका नाम पाए जाने पर उनसे 27 रुपए प्रति किलो के हिसाब से अब तक लिए गए कुल गेहूं की वसूली की जाएगी। दरअसल, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना अधिनियम-2013 के तहत गेहूं लेने वाले अपात्र लोगों की जल्द ही पोल खुलने वाली है। इसके लिए रसद विभाग ने जोर-शोर से तैयारियां शुरू कर दी है।
विभाग के गिवअप अभियान के अंतर्गत सक्षम व्यक्तियों द्वारा खाद्य सुरक्षा योजना से स्वेच्छा से नाम हटवाने की अंतिम तिथि 28 फरवरी तक बढा दी गई है। इनके अलावा योजना के तहत अपात्र पाए जाने वाले उपभोक्ताओं से 27 रुपये प्रति किलो के हिसाब से वसूली की तैयारी शुरू कर दी है। अब तक करीब 50 लोगों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं, जिनसे जवाब मांगे गए हैं।
वेबसाइट पर भी कर सकते हैं आवेदन
अभियान में स्वेच्छा से नाम हटवाने के लिए विभागीय वेबसाइट पर भी प्रार्थी सीधे आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद विभाग की ओर से खाद्य सुरक्षा से जुडे उपभोक्ताओं की जांच की जाएगी। यह अभी जांच ऑनलाइन माध्यम से होगी। इसमे उपभोक्ताओं के बैंक खाते और परिवहन विभाग आदि की जानकारी जुटाई जा रही है।
ये होंगे योजना से बाहर
ऐसे परिवार जिसका कोई भी एक सदस्य आयकर दाता हों। ऐसे परिवार जिसका कोई भी एक सदस्य सरकारी/ अर्द्धसरकारी/ स्वायतशासी संस्थाओं में नियमित कर्मचारी/ अधिकारी हो या फिर प्रतिवर्ष 1 लाख से अधिक की पेंशन प्राप्त करता हो। ऐसे परिवार जिसके किसी भी एक सदस्य के पास चारपहिया वाहन हो। ट्रैक्टर व वाणिज्यिक वाहन को छोडकऱ, जो जीविकोपार्जन के उपयोग मे आता हो।
जिले में 666 परिवारों ने छोड़ी पात्रता
जिले में गिवअप अभियान अंतर्गत अब तक 666 परिवारों और 2997 सदस्यों ने स्वेच्छा से अपना नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटा लिया है। यह अभियान उन लोगों को चिह्नित करने के लिए शुरू किया गया है, जो सक्षम होते हुए भी सरकारी राशन का लाभ उठा रहे थे।
ऐसे पकड़ में आएंगे अपात्र लोग
खाद्य विभाग सभी की केवाईसी करवा रहा है। इसके तहत लाभार्थियों के राशन कार्ड आधार कार्ड से जुड़ गए हैं। आधार कार्ड से पैन कार्ड एंव बैंक खाते लिंक हैं। इससे उपभोक्ताओं के खाते में आने वाले भुगतान और आईटीआर की जानकारी मिलेगी। साथ ही परिवहन विभाग को सूची भेजकर उनके नाम रजिस्टर्ड चौपहिया वाहनों की जानकारी प्राप्त की जा रही है। इसके अलावा अन्य सरकारी विभागों की भी मदद से पहचान की जाएगी।


