
Operation Sindoor: अचानक सीजफायर के लिए क्यों गिड़गिड़ाने लगा पाकिस्तान, क्या ब्रह्मोस खत्म करने वाला था परमाणु बम गिराने की क्षमता
Operation Sindoor : पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की तीखी सैन्य कार्रवाई और परमाणु हमले की धमकी देने वाले पाकिस्तान का अचानक सीजफायर की गुहार लगाना कई सवाल खड़े करता है। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट ने इस रहस्य से पर्दा उठाया, जिसमें खुलासा हुआ कि भारतीय सेना ने ब्रह्मोस मिसाइल से रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस को तबाह कर दिया था। यह एयरबेस पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के जखीरे के बेहद करीब है। इस हमले ने पाकिस्तान को साफ संदेश दे दिया कि भारत के पास उसकी परमाणु कमांड को निशाना बनाने की ताकत है। इस डर ने पाकिस्तान को सीजफायर के लिए मजबूर कर दिया।
अमेरिका की मध्यस्थता से निकला सीजफायर का हाल
भारत के पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के तहत शुक्रवार रात को नूरखान एयरबेस पर भीषण हमले के बाद सनसनी फैल गई थी। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक रावलपिंडी में जहां नूरखान एयरबेस है, उससे मात्र 10 किमी की दूरी पर पाकिस्तान का परमाणु जखीरा जमा है। इस हाई सिक्योरिटी साइट को पाकिस्तानी स्ट्रैटेजिक प्लान डिवीजन (PSPD) कहा जाता है।
टाइम्स ने खुलासा किया है कि पीएसपीडी में पाक परमाणु जखीरे के सबसे ज्यादा वॉरहेड यहां पर जमा हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय वाइट हाउस को आशंका हुई कि पाक का परमाणु जखीरा खतरे में है। इसके बाद अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेंस एक्शन में आए। उन्होंने तुरंत पाक पीएम शहबाज शरीफ और पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर को फोन घुमाने शुरू कर दिए। वेंस ने सबसे पहले एटमी जखीरे के बारे में पड़ताल की। जबकि वेंस ने भारत-पाक संघर्ष के बारे में पहले कहा था कि यह अमेरिका का मामला नहीं है। लेकिन जैसे ही न्यूक्लियर खतरे की आहट हुई, पेंटागन (अमेरिकी रक्षा मंत्रालय) में भी इस पर चर्चा शुरू हो गई।भारतीय हमले ने दिया रणनीतिक संदेश
नूर खान एयरबेस पर हमला सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि एक रणनीतिक चेतावनी थी। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह हमला इस बात का संकेत था कि भारत का अगला निशाना पाकिस्तान का परमाणु कमांड सेंटर हो सकता है, जो इस्लामाबाद से महज 10 किलोमीटर दूर है। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान की परमाणु हमले की क्षमता पूरी तरह खत्म हो सकती थी। इस डर से घबराए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने तुरंत अमेरिका से संपर्क किया और सीजफायर की मांग की।
भारतीय मिसाइलों के आगे पाकिस्तान का डिफेंस सिस्टम फेल
भारत की ब्रह्मोस मिसाइलों ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह नाकाम कर दिया। ये मिसाइलें बिना किसी रुकावट के अपने लक्ष्य तक पहुंचीं, जिसने पाकिस्तानी सेना और शीर्ष अधिकारियों में दहशत पैदा कर दी। नूर खान एयरबेस पर हमले के बाद शहबाज शरीफ ने नेशनल कमांड अथॉरिटी की आपात बैठक बुलाने की कोशिश की, जो हालांकि नहीं हो सकी। इस घबराहट ने पाकिस्तान को अमेरिका की मध्यस्थता में सीजफायर के लिए राजी होने पर मजबूर किया।
पाकिस्तान अमेरिका से लगाई गुहार: अमेरिका की मध्यस्थता और सीजफायर
पाकिस्तान की गुहार पर अमेरिका ने तुरंत मध्यस्थता शुरू की। अमेरिकी उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत को सुगम बनाया। पाकिस्तान के डीजीएमओ मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने भारतीय डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई से संपर्क कर सीजफायर की पेशकश की। 10 मई 2025 को शाम 5 बजे से दोनों देशों ने पूर्ण संघर्ष विराम लागू कर दिया।