अब राजस्थान की प्रत्येक ग्राम पंचायत में होगा ऐसा बड़ा काम, सभी कलक्टरों को मिल गया आदेश
राजस्थान को हरा-भरा बनाने के लिए अब प्रत्येक पंचायत में पंचायत पौधशालाएं विकसित की जाएंगी। ग्राम पंचायतें भी अपने स्तर पर पौधशालाएं विकसित कर हरियाली को बढ़ावा देने में अपना सहयोग करेंगी। इसके लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की ओर से कवायद शुरू करते हुए प्रदेश के सभी जिला कलक्टरों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री वृक्षारोपण महाअभियान मानसून 2024 की तर्ज पर महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत वृक्षारोपण के कार्यों को प्राथमिकता से किया जाना तय किया गया है। इसके तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में भूमि उपलब्धता एवं आवश्यकतानुसार आगामी मानसून में संभावित वृक्षारोपण के लिए पौधशाला तैयार होंगी। इसके लिए करौली जिले की सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत पौधशाला विकसित करने के लिए कवायद चल रही है। सूत्रों के अनुसार पौधशाला के लिए जिला स्तर से पंचायत पौधशाला विकास कार्यों की स्वीकृति भी जारी हो चुकी है। आगामी मानसून से पहले पंचायत पौधशालाओं को विकसित करने की तैयारी है।
नोडल अधिकारी किए नियुक्त
पंचायत पौधशाला विकसित करने के लिए नोडल अधिकारियों की भी नियुक्ति की गई है। इसके अनुसार ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम विकास अधिकारी, ब्लॉक स्तर पर सहायक अभियंता ईजीएस, जिला स्तर पर अधिशासी अभियंता ईजीएस तथा राज्य स्तर पर अधीक्षण अभियंता ईजीएस मुयालय को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
बनेगा बीज बैंक
अलग-अलग प्रकार के पौधे अलग-अलग प्रकार से तैयार होते हैं, जिनमें कुछ बीज रूप में या कुछ कलम के रूप में तैयार होंगे। इसमें एक बीज बैंक भी बनाया जा सकता है। जहां लोग फलों के उपयोग के बाद उसकी गुठली या बीज को दान के रूप में वहां दे सकें। विभाग का मानना है कि आम तौर पर आम, जामुन, पपीता आदि के बहुमूल्य बीज प्रचुर मात्रा में अनुपयोगी वेस्ट बनकर चले जाते हैं। इनका उपयोग सरल रूप में पौध विकास में किया जा सकता है।