
पहले YouTube पर सीखा, फिर अरंडी की फसल के बीच खड़ी कर दी ऐसी खेती, 1.75 करोड़ की पैदावार देखकर पुलिस भी रह गई दंग
राजस्थानी चिराग। जोधपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विकासकुमार के निर्देशानुसार रेंज में अवैध गतिविधियों/मादक पदार्थ/शराब तस्करी/अवैध बजरी खनन माफियाओं/वांछित अपराधियों के विरूद्ध भौकाल अभियान के तहत पुलिस थाना बिशनगढ़ की टीम ने अवैध अफीम की खेती के तहत बोए गए एक लाख पांच हजार अफीम के पौधे जब्त किए। जिसकी कीमत करीब एक करोड़ सत्ततर लाख बताई जा रही है। यह देख पुलिस भी दंग रह गई। पुलिस ने मौके से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
अभियान के तहत एसपी ज्ञानचंद यादव के निर्देशन में एएसपी मोटाराम गोदारा, सीओ गौतम जैन के निकटतम सुपरविजन में बिशनगढ़ थानाधिकारी निबसिंह के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा मुखबिर की ईतला पर कार्यवाही ऐलाना सरहद में कार्यवाही की गई।
ऐलाना (गोगामाड) में आरोपी जगदीश उर्फ जगताराम पुत्र छगनाराम लोहार निवासी काठाड़ी पुलिस थाना सिवाणा जिला बाड़मेर व सकाराम पुत्र रूपाराम भील निवासी भागवा पुलिस थाना सिवाणा जिला बाड़मेर के द्वारा काश्तसुदा खेत में करीब एक बीघा जमीन पर अवैध अफीम की खेती करते हुए पाए जाने पर अवैध अफीम के कुल एक लाख पांच हजार हरे पौधे बरामद किए।
जिनको 150 जुट की बोरियों में भरा जाकर वजन किया गया तो कुल वजन 3153 किलोग्राम जुट की बोरी सहित होना पाया गया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर एनडीपीएस एक्ट में प्रकरण पंजीबद्व कर अनुसंधान शुरू किया।
चितौडगढ़ के पास मंगलवाड़ जाकर सीखी अफीम की खेती
आरोपी जगदीश उर्फ जगताराम पुत्र छगनाराम लोहार निवासी काठाड़ी ने अफीम की खेती जिला चितौडगढ के पास मंगलवाड गांव जाकर सिखना बताया। उसने वहां जाकर किस तरह से खेती की देखभाल करते है उसकी पूरी जानकारी हासिल की। अफीम के बीज गांव मंगलवाड़ से करीब 3 माह पूर्व लेकर आया तथा उसके पश्चात यू ट्यूब अफीम की खेती कैसे करते है इसके बारे में जानकारी प्राप्त की।
अरंडी की फसल के बीच में अफीम की खेती
उसके बाद अपने खेत में अरंडी की फसल के बीच में अफीम की खेती की। ताकि किसी व्यक्ति को इस फसल की भनक नहीं लगे। आरोपी ऐलानासरहद में अफीम की खेती कर खेती से प्राप्त होने वाले अफीम के दूध एवं डोडा पोस्त को आस पास के क्षेत्र में शादियों, सामाजिक समारोह इत्यादि सभाओ में बेचकर उससे प्राप्त होने वाली आय से अन्य जगह पर जमीन खरीद कर अपने अफीम के व्यवसाय को मजबूत बनाना चाहता था।
अफीम की खेती का गणित
सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ नारकोटिक्स एवं नारकोटिक कन्ट्रोल ब्यूरो के क्षेत्रीय डायरेक्टर के अनुसार एक एकड़ जमीन में 90 हजार अफीम के पौधे बोने का प्रावधान है। जिसमें से 25 किलोग्राम अफीम का दूध निकलता है तथा 182 किलोग्राम डोडा पोस्त निकलता है। इसी आधार पर अफीम के दूध की कीमत पांच लाख रुपए प्रति किलोग्राम एवं डोडा पोस्त की किमत 15000 रूपए प्रति किलोग्राम के अनुसार इस जब्त पौधों की अनुमानित कीमत एक करोड़ सत्ततर लाख सत्तर हजार रुपए आंकी गई।
कार्रवाई में ये रहे शामिल
अफीम के पौधे जब्त करने की कार्यवाही में थानाधिकारी निबसिंह, हैड कांस्टेबल अनिल कुमार, चेतनराम, डुंगराराम, कांस्टेबल परबतसिंह, गंगाविशन, बद्रीनारायण, हडमानाराम, खेताराम, विरमाराम, विरमसिंह व चालक कांस्टेबल मुकेश कुमार शामिल रहे। इस प्रकरण के खुलासे में विशेष भूमिका कांस्टेबल नैनाराम की रही।


