
कोलकाता दुष्कर्म और हत्या मामले कोर्ट ने सुनाया फैसला, संजय रॉय को सुनाई उम्रकैद की सजा
राजस्थानी चिराग। कोलकाता की एक सत्र अदालत ने आरजी कर बलात्कार और हत्या मामले में संजय रॉय को सजा सुना दी है। अदालत ने पहले कहा था कि न्यूनतम सजा आजीवन कारावास होगी जबकि अधिकतम सजा मृत्युदंड होगी। कोर्ट ने दोपहर 2.45 बजे अपना फैसला सुनाते हुए दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही 50 हजार का जुर्माना लगाया गया है। इससे पहले फैसला दोपहर साढ़े बजे के बाद सुनाया जाना था, लेकिन कोर्ट ने दोषी और अन्य के आखिरी बयान सुनने के बाद फैसला दोपहर 2.45 बजे तक के लिए सुरक्षित रख लिया था।
संजय के वकील की दलील:
अपनी दलील में संजय रॉय के वकील ने कहा कि दोषी को फांसी की जगह कोई और सजा दी जानी चाहिए। भले ही यह दुर्लभतम मामला हो, लेकिन सुधार की गुंजाइश होनी चाहिए। अदालत को यह दिखाना होगा कि दोषी क्यों सुधार या पुनर्वास के लायक नहीं है। सरकारी वकील को सबूत पेश करने होंगे और कारण बताने होंगे कि व्यक्ति सुधार के लायक क्यों नहीं है और उसे समाज से पूरी तरह से खत्म कर देना चाहिए।
कोर्ट में क्या बोला संजय:
फैसला सुनाने से पहले दोषी को कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान संजय रॉय ने अदालत से कहा कि मुझे फंसाया जा रहा है, मैने कोई अपराध नहीं किया है। इस पर सीबीआई ने कहा कि यह जघन्य अपराध है। इसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। सीबीआई के अधिवक्ता ने अदालत से कहा कि हम समाज में लोगों का विश्वास बनाए रखने के लिए कड़ी से कड़ी सजा का अनुरोध करते हैं। मामले में पीड़िता के माता-पिता ने दोषी के लिए मौत की सजा की मांग की है।
क्या है सजा का प्रावधान:
BNS (Bharatiya Nyaya Sanhita) की धारा 64 (दुष्कर्म) के तहत कम से कम 10 साल की सजा का प्रावधान है, जो आजीवन कारावास तक हो सकती है। धारा 66 के तहत कम से कम 20 साल की सजा का प्रावधान है और यह आजीवन कारावास तक हो सकती है। बीएनएस की धारा 103(1) (हत्या) के तहत दोषी को मृत्युदंड या आजीवन कारावास का प्रावधान है।


