बीकानेर में मिलावटखोर है बेखौफ!
वरिष्ठ पत्रकार मोहन शर्मा की खास खबर
बीकानेर। राजस्थान में जानलेवा मिलावटखोरी पर अंकुश लगाने के लिये हालांकि कागजी तौर पर राज्य सरकार पूरी तरह से मुस्तैद है, मगर उसका परिणाम धरातल पर नहीं आ रहे है, कारण बड़े-बड़े मिलावट खोरों को राजनेताओं का संरक्षण प्राप्त है, और अफसरशाही की मिलीभक्त से कानून किताबों तक ही सिमित रह गये है, इस बात का सरकार को भी अच्छी तरह पता है कि मिलावटखोरों पर कानून बेअसर है, धड़ल्ले से रोजमर्रा के सभी खाद्य पदार्थाे में जहरीली मिलावटखोरी हो रही है, जिसके कारण लोग गंभीर बीमारियों के शिकार होकर बे-मौत मर रहे है, मगर फिर भी मिलावटखोरों के विरूद्ध मेडिकल एंड हैल्थ विभाग की स्पेशल विंग व संबंधित विभाग किसी तरह की बड़ी कार्यवाही करवाकर सजा दिलवाने में लगभग नकारा साबित हुवे है।
राजस्थान में मिलावटखोरों के लिये सबसे सुरक्षित स्थान बीकानेर, जयपुर, अजमेर व अलवर माने जाते है, जहां मिलावटखोर बेधडक़ होकर फैक्ट्रियां चला रहे है, और जिन पर मिलावटखोरी रोकने की जिम्मेदारी है, उसके अधिकारी मिलावटखोरों से नोट छाप रहे है, हालांकि स्पष्ट तो नहीं, अप्रत्यक्ष रूप से इस बात को स्वीकार करते हुवे राज्य मानवाधिकार आयोग ने बीकानेर, जयपुर, अजमेर व अलवर के मेडिकल एण्ड हैल्थ (सी.एम.एच.ओ.) से मिलावटखोरी को लेकर जवाब भी तलब किया है तथा राजस्थान उच्च न्यायालय ने भी संज्ञान लेकर मिलावटखोरों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही में असमर्थता को लेकर मेडिकल एण्ड हैल्थ विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
दैनिक राजस्थानी चिराग ने भी लम्बे समय से बीकानेर में चल रहे मिलावटखोरी कारोबार को लेकर जग जागृति अभियान चला रखा है, जिसके तहत अनेकों चौंकाने वाले तथ्य उजागर हो रहे है, खोज खबर करने पर पता चला है कि बीकानेर में एक दूध डेयरी ऐसी भी चल रही है, जिसके करोड़ों किलो उत्पादन दूध, छाछ, देशी घी इत्यादि समूचे देश में बिकते है, अधिकांश उत्पादन सिंथेटिस केमिकल से तैयार होता है, जो अति हानिकारक है, मगर इसका मालिक खरबपति भू माफिया है, जिसके हाथों में सभी राजनैतिक दलों के बड़े नेता व अफसरशाही कठपूतली की तरह नाचते है, इसलिये कार्यवाही की कल्पना करना ही व्यर्थ है।
यह भी पक्की खबर है कि बीकानेर के 5-6 बड़े तेल व्यापारी मिलावट का खुल्ला खेल खेल रहे है, और नामी-गरामी मार्का के नाम पर रेपसीड ऑयल में ऐसेंस व केमिकल मिलाकर रोजाना करीब दस हजार पींपे मूंगफली, तिल्ली, सरसों का तेल बनाकर बेच रहे है, इस मिलावटी तेल का सीधा असर हार्ट व किडनी पर होता है।
नकली शुद्ध देशी घी बनाने के मामले में तो बीकानेर भारत में शायद सबसे उपर की पक्ति में आता है, एक अनुमान के अनुसार बीकानेर में रोजाना 15-20 हजार कार्टून नकली देशी घी बनकर संभाग के अलावा अन्य प्रदेशों में भी सप्लाई होता है, यह नकली घी पाम ऑयल में ऐसेंस व केमिकल मिलाकर तैयार किया जाता है, जिसको सरस, अमूल, स्वाति इत्यादि लगभग सभी फेमस ब्रांडो के फर्जी लेबल लगाकर मिलावटखोर बेचते है, मगर जो मुख्य मिलावटखोर है उन पर हाथ डालना प्रशासन के बूते की बात नहीं है, क्योंकि उन मिलावटखोरों की पहुंच सरकार तक होती है, कांग्रेस हो या भाजपा की सरकार, उनके कोई फर्क नहीं पड़ता, कारण इनके तार मजबूत जोड़ की तरह दोनों राजनैतिक दलों के नेताओं से जुड़े हुवे है।
बीकानेर के मिर्च-मसालें समूचे देश में प्रसिद्ध है और यह विदेशों में भी सप्लाई होते है, जैसी की जानकारी मिली है कि बीकानेर में फड़ बाजार, बड़ा बाजार में कुछ फुटकर निर्माताओं के अलावा करणी व खारा इंडस्ट्रियल ऐरिया में 15-20 बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां लगी हुई है, जिनमें सौ ट्रक से ज्यादा मिर्च-मसाले बनकर सप्लाई होते है, इसका अधिकांश व्यापार मोदी तथा अग्रवाल दो ही परिवारों के पास है, जो मिलावटखोरी के मामलों में सर्वाधिक बदनाम है… (लगातार)