
हॉस्टल से जयपुर घूमने निकलीं चार नाबालिग छात्राएं, 24 किमी पैदल चलकर ट्रेन पकड़ी, फिर जो हुआ….
राजस्थानी चिराग। चूरू में एक अजीब मामला सामने आया है। हिसार के एक होस्टल से चार नाबालिग लड़कियां बिना किसी को बताए जयपुर घूमने निकल गईं। वे हिसार-जोधपुर ट्रेन में सवार हुईं। आरपीएफ ने चारों नाबालिगों को चाइल्ड हेल्पलाइन के हवाले कर दिया।
डोकवा गांव के पास एक लड़की ट्रेन से उतर गई और वहीं छूट गई। इससे ट्रेन में बैठी तीनों लड़कियां घबरा गईं। ट्रेन के साधारण डिब्बे में एक यात्री ने उनसे चुपचाप बैठने का कारण पूछा। लड़कियों ने पूरी घटना बताई। यात्री ने अपने एक परिचित को फोन कर डोकवा में छूटी लड़की को बस से चूरू बुलवाया। चारों नाबालिगों को रेलवे सुरक्षा बल को सौंप दिया गया।
रेलवे सुरक्षा बल चौकी के एसआई नन्दकिशोर ने बताया कि लड़कियां गुरुवार रात होस्टल से निकली थीं। पूछताछ में पता चला कि उन्होंने जयपुर घूमने के लिए एक मनगढ़ंत कहानी बनाई थी। बाद में उन्होंने सच बताया कि वे होस्टल से भागकर आई थीं।
आरपीएफ ने चारों नाबालिगों को चाइल्ड हेल्पलाइन के हवाले कर दिया। हेल्पलाइन में काउंसलर वर्षा कंवर ने उनकी काउंसलिंग की। चाइल्ड हेल्पलाइन के जिला समन्वयक पन्ने सिंह के अनुसार चारों को बाल कल्याण समिति में पेश किया गया। वहां से उन्हें बालसमंद पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया।
राजस्थानी चिराग। चूरू में एक अजीब मामला सामने आया है। हिसार के एक होस्टल से चार नाबालिग लड़कियां बिना किसी को बताए जयपुर घूमने निकल गईं। वे हिसार-जोधपुर ट्रेन में सवार हुईं। आरपीएफ ने चारों नाबालिगों को चाइल्ड हेल्पलाइन के हवाले कर दिया।
डोकवा गांव के पास एक लड़की ट्रेन से उतर गई और वहीं छूट गई। इससे ट्रेन में बैठी तीनों लड़कियां घबरा गईं। ट्रेन के साधारण डिब्बे में एक यात्री ने उनसे चुपचाप बैठने का कारण पूछा। लड़कियों ने पूरी घटना बताई। यात्री ने अपने एक परिचित को फोन कर डोकवा में छूटी लड़की को बस से चूरू बुलवाया। चारों नाबालिगों को रेलवे सुरक्षा बल को सौंप दिया गया।
रेलवे सुरक्षा बल चौकी के एसआई नन्दकिशोर ने बताया कि लड़कियां गुरुवार रात होस्टल से निकली थीं। पूछताछ में पता चला कि उन्होंने जयपुर घूमने के लिए एक मनगढ़ंत कहानी बनाई थी। बाद में उन्होंने सच बताया कि वे होस्टल से भागकर आई थीं।
आरपीएफ ने चारों नाबालिगों को चाइल्ड हेल्पलाइन के हवाले कर दिया। हेल्पलाइन में काउंसलर वर्षा कंवर ने उनकी काउंसलिंग की। चाइल्ड हेल्पलाइन के जिला समन्वयक पन्ने सिंह के अनुसार चारों को बाल कल्याण समिति में पेश किया गया। वहां से उन्हें बालसमंद पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया।



