खाद्य व रसद विभाग का अलर्ट, 31 जनवरी आखिरी मौका, फिर लगेगा बड़ा फाइन

खाद्य व रसद विभाग का अलर्ट, 31 जनवरी आखिरी मौका, फिर लगेगा बड़ा फाइन

राजस्थानी चिराग। सरकार गांधीगिरी से अभी अपात्र लोगों से पेश आ रही है। इसमें नौ जनवरी तक हनुमानगढ़ जिले में 1037 लोगों ने रसद विभाग कार्यालय में प्रस्तुत होकर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सूची से हटाने का आवेदन किया है। सरकार ने अपात्र परिवारों को 31 जनवरी तक का समय देकर नाम हटवाने को लेकर छूट प्रदान की है। इसके बाद सख्ती से पेश होकर सरकार सर्वे करवाएगी। इसमें अपात्र मिले लोगों से 27 रुपए प्रति किलो के हिसाब से वसूल करेगी। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में ‘गिव अप’ अभियान के दौरान जिले में अब तक कई परिवारों ने अपने प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किए हैं। इनके नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटा दिए गए हैं।

इनको छोड़ना होगा अपना हक

इस अभियान का उद्देश्य उन परिवारों के नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटाना है। जिनकी आय अधिक है या जिनके पास चौपहिया वाहन है। अभियान के तहत ऐसे परिवारों से 31 जनवरी 2025 तक स्वेच्छा से प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है, जिनकी वार्षिक आय एक लाख रुपए से अधिक है। इनमें कोई सदस्य आयकरदाता है या जिनके पास चौपहिया वाहन (ट्रेक्टर और एक वाणिज्यिक वाहन को छोड़कर) है।

31 जनवरी के बाद खाद्य सुरक्षा सूची से हटा दिए जाएंगे नाम

यह प्रार्थना पत्र उपखंड अधिकारी अथवा जिला रसद अधिकारी को प्रस्तुत करना होगा। जिला रसद अधिकारी सुनील घोड़ेला ने बताया कि यदि कोई परिवार स्वेच्छा से अपना नाम खाद्य सुरक्षा सूची से नहीं हटवाता है तो ठीक है। वरना 31 जनवरी के बाद जांच कर उनके नाम खाद्य सुरक्षा से हटा दिए जाएंगे। नियमानुसार वसूली एवं अन्य आवश्यक कार्यवाही की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सभी सक्षम परिवारों से अपील है कि वे इस अभियान के तहत निर्धारित अवधि तक अपने नाम को खाद्य सुरक्षा योजना से हटवाने के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करें।

10 लाख सदस्यों को मिल रहा लाभ

जिले में कुल दो लाख 52 हजार परिवार खाद्य सुरक्षा सूची में शामिल हैं। इसमें करीब दस लाख सदस्यों के नाम जुड़े हुए हैं। इन परिवारों को प्रति सदस्य के हिसाब से पांच किलो गेहूं निशुल्क दिया जा रहा है। किसी परिवार में यदि पांच-छह सदस्य हैं तो उनको 25-30 किलो गेहूं मिल जाता है। ऐसे में उन्हें दो वक्त की रोटी जैसे-तैसे नसीब हो जाती है। तंगहाली में जी रहे ऐसे लोगों को परेशानी आ रही है।

पोर्टल खुले तो बने बात

अभी खाद्य सुरक्षा योजना का पोर्टल बंद पड़ा है। नाम हटाने की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद आगे पोर्टल शुरू करके नए नाम जोड़ने की तैयारी है। हजारों की संख्या में नए लोगों ने नाम जोड़ने के लिए आवेदन किया है। ऐसे परिवारों को पोर्टल खुलने के बाद ही राहत मिलेगी। वर्तमान में निर्धारित अवधि में नाम हटवाने पर कुछ नहीं करेंगे। इसके बाद विभाग स्तर पर सर्वे करवाकर अपात्र मिले परिवारों से वर्ष 2016 से प्राप्त की गई गेहूं की वसूली की जाएगी।

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