प्रेमी को जहर देकर रिश्ता खत्म करने वाली महिला को कोर्ट ने सुनाई मौत की सजा,पढ़े खबर
राजस्थानी चिराग। हाई-प्रोफाइल शेरोन राज हत्याकांड में आरोपी ग्रीष्मा को सोमवार को नेय्यत्तिनकारा अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने मौत की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उस आरोपी को मृत्युदंड दिया जिसने अपने 23 वर्षीय प्रेमी शेरोन राज को कीटनाशक युक्त आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाकर जहर दिया था। इसके साथ ही मामले के अन्य आरोपी ग्रीष्मा के चाचा निर्मलकुमारन नायर को तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है।
शेरोन ने वीडियो किया रिकॉर्ड:
सजा सुनाते हुए अदालत ने कहा, “संबंध बनाने के बहाने शेरोन को बुलाने और उसके बाद अपराध करने के कृत्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। आपराधिक कृत्यों के लिए सजा सुनिश्चित करना राज्य की जिम्मेदारी है। ग्रीष्मा के मना करने के बावजूद शेरोन की ओर से संदिग्ध जूस का वीडियो रिकॉर्ड करने जैसे सबूत संकेत देते हैं कि उसे संदेह था कि कुछ गड़बड़ है। शेरोन ने 11 दिनों तक बिना पानी की एक बूंद पिए अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष किया।” कोर्ट ने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि अपराध पूर्व नियोजित था और बिना उकसावे के किया गया था। आरोपी ग्रीष्मा की ओर से अपने अपराध को छिपाने के चालाक प्रयास असफल रहे। अपराध की गंभीरता के मद्देनजर युवावस्था के उसके तर्क पर विचार नहीं किया जा सकता। सबूत बताते हैं कि शेरोन को ग्रीष्मा द्वारा उसकी हत्या करने की योजना के बारे में पता नहीं था।”
आरोपी ने अपने प्रेमी के साथ किया विश्वासघात- कोर्ट:
अदालत ने आगे कहा कि ग्रीष्मा ने अपने प्रेमी शेरोन के साथ विश्वासघात किया, उसे भावनात्मक रूप से प्रभावित किया। अदालत ने कहा कि उसके पास शेरोन से मानसिक दबाव के दावों का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं है, “ग्रीष्मा ने बचाव में कहा कि शेरोन ने उसका शारीरिक शोषण किया था, उसके पास भी कोई सबूत नहीं है। इसके विपरीत, शेरोन ने कभी भी किसी संदेश या संचार में उसे दोषी नहीं ठहराया। जबकि शेरोन आरोपी के प्रति प्रतिबद्ध थी, वह उसी समय अपने मंगेतर के संपर्क में थी।”
इन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा:
आरोपी ग्रीष्मा पर भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत कई आरोप लगाए गए। उस पर IPC की धारा 302 (हत्या), 364 (हत्या करने के इरादे से अपहरण), 328 (जीवन को नुकसान पहुंचाने के इरादे से जहर देना) और 203 (गलत जानकारी देकर न्याय में बाधा डालना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। अदालत ने शनिवार को SS ग्रीष्मा को सजा की मात्रा पर बचाव और अभियोजन पक्ष की अंतिम दलीलें सुनीं, जिन्हें अदालत ने 17 जनवरी को दोषी पाया था। अदालत ने तीसरे आरोपी, उसके चाचा निर्मलकुमारन नायर को भी आईपीसी की धारा 201 के तहत दोषी पाया। उसकी मां सिंधु को बरी कर दिया गया।
क्या था मामला:
बता दें कि मामला 14 अक्टूबर 2022 का है, जब ग्रीष्मा नाम की प्रेमिका ने कथित तौर पर अपने प्रेमी शेरोन राज को अपने आवास पर हर्बल दवा में जहर मिलाकर जहर दे दिया था। शेरोन की 11 दिन बाद एक मेडिकल कॉलेज के ICU में इलाज के दौरान मौत हो गई। शेरोन और ग्रीष्मा लंबे समय से रिलेशनशिप में थे। हालांकि, ग्रीष्मा किसी और से शादी करने की योजना बना रही थी, इसलिए उसने शेरोन के साथ अपने रिश्ते को खत्म करने की कोशिश की। जब शेरोन ने रिश्ता तोड़ने से इनकार कर दिया, तो कथित तौर पर इसने हत्या को जन्म दिया।
प्रेमी ने मरने से पहले मजिस्ट्रेट के सामने दिया बयान:
मजिस्ट्रेट के सामने शेरोन का मरते समय दिया गया बयान, जिसमें उसने खुलासा किया कि उसने ग्रीष्मा की ओर से दी गई हर्बल दवा का सेवन किया था। अपराध को स्थापित करने में फोरेंसिक साक्ष्य ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक शिल्पा के नेतृत्व में एक विशेष टीम की ओर से की गई गहन जांच के बाद पुलिस ने 25 जनवरी, 2023 को आरोप पत्र दायर किया। पिछले साल 15 अक्टूबर को शुरू हुआ मुकदमा इस साल 3 जनवरी को समाप्त हुआ। मामले में 95 से अधिक गवाहों की जांच की गई।